बिहार की प्रसिद्ध मिथिला पेंटिंग, मखाना समेत अन्य उत्पादों को अब देश ही नहीं बल्कि विदेश मेंभी आसानी सेबेचा जा सकेगा। डाक विभाग ने इस संबंध में पहल शुरू की है
देनेके लिए काम करेगा। दरअसल डाक विभाग नेबिहार के कारोबारियों के उत्पाद और यहां की लोक कला और पारंपरिक उत्पादों को बढ़ावा देनेके लिए पहल कर रहा है। इसके तहत डाक विभाग और बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के बीच जल्द समझौता होगा। डाक विभाग के निर्यात केंद्र सेबिहार के उद्यमियों को जोड़ा जाएगा। मिथिला पेंटिंग सेबनेउत्पाद, कृषि उत्पाद , बिहार के पारंपरिक कला और शिल्प सेबनेउत्पाद, कपड़े आदि का कारोबार कर रहेउद्यमियों को बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की मदद से चिन्हि त किया जाएगा। इसके बाद डाक निर्यात केंद्र सेजोड़कर उनके उत्पादों को विदेशी बाजार तक पहुंचाया जाएगा।
डाक विभाग के डाक निर्यात केंद्र सेउत्पाद विदेशों मेंभेजनेके लिए उद्यमियों को कस्टम क्लि यरेंस के लिए बार- बार चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। जिससेउद्यमियों को और भी सहूलियत होगी। कस्टम क्लि यरेंस भी डाक विभाग मेंही हो जाएगा। पहलेकस्टम क्लि यरेंस के लिए कोलकाता जाना पड़ता था। कागजी प्रक्रिया सेलेकर कस्टम क्लि यरेंस की प्रक्रिया सब डाक विभाग के कर्मचारियों द्वारा ही पूरी की जाएगी। उद्यमियों या व्यापारियों को ऐसेमिलेगी सुविधा डाक घर के डाक निर्यात केंद्र की मदद सेउद्यमी या व्यापारी 35 किलोग्राम तक के वजन के पार्सल को विदेशों मेंभेज सकेंगे। इसके लिए उद्यमियों को डाक विभाग के भी चक्कर लगानेकी जरूरत नहीं पड़ेगी। उद्यमी घर बैठे https://dnk.cept.gov.in/customers.web/ लिंक पर जाकर अपना पंजीयन, केवाईसी और अनिवार्यदस्तावेज अपलोड कर सकेंगे। प्रक्रिया पूरी होनेके बाद डाक विभाग के कर्मचारी उद्यमी के घर सेपार्सल का संग्रह करेंगे। डाक विभाग मेंपार्सल के पैकेजिंग, लेबलिंग का जिम्मा डाक विभाग का होगा। उद्यमियों को सामान के वजन के हिसाब सेही शुल्क का भुगत करेगा